Mujhe Hasao

मैं गम के सांचे में ढल रही हूं, रो रही हूं, मुझे हसाओ,
कभी गिर रही हूं संभल रही हूं, रो रही हूं, मुझे हसाओ,
 
इत्र की डिबिया से जैसे कोई खुशबू निकलती हो वैसे,
उसके हाथों से निकल रही हूं, रो रही हूं, मुझे हसाओ,
 
उससे बिछड़न और जुदाई के गम को अपने सर पे लेकर,
हर क़दम आग में जल रही हूं, रो रही हूं, मुझे हसाओ,
 
तेरी बातों को याद करके तेरे वादों को याद करके,
जानें किस राह पे चल रही हूं, रो रही हूं, मुझे हसाओ,
 
काली रातों मे तन्हा "जामी" मोमबत्ती की तरह मैं,
लम्हा लम्हा पिघल रही हूं, रो रही हूं, मुझे हसाओ..!

By : Jami Ansari

Follow on Instagram chai_with_friends
Aansoo Shayari Views - 1012 18th Aug 2020

Share Poetry on social media

Message


About Us
Bepanaah.in is a feeling that is very attached to our life. Like unbridled joy, unbridled pain, unbridled love. this website important for those pepole who love to write, who express own feelings. We update our website periodically with fresh shayari thats why you find unique and latest sher o shayari on Bepanaah.in
Follow Us
Facebook Likes

© Copyright 2020-24 bepanaah.in All Rights Reserved