मेरी ज़िन्दगी में जिसने मेरा कभी साथ नहीं छोड़ा,
मेरी मुश्किलों और परेशानियों में जिसने मेरा कभी हाँथ नहीं छोड़ा,
मेरी ख्वाहिशो को पूरा करने के लिए,
जिसने अपने हर आराम को छोड़ा,
मेरे ख्वाबों को पूरा करने के लिए,
जिसने अपने हर ख्वाब को तोड़ा,
मेरी हर ख़ता और गलती के बाद भी,
जिसने कभी मुझसे अपना मुँह नहीं मोड़,
मुझे ग़म ना मिले ज़िन्दगी की राहों में,
उन्होंने ज़िन्दगी की राहा से ही ग़म को अपनी ओर मोड़ा,
मेरे माँ-बाप ने मेरे लिए अपना सब कुछ छोड़ा,
मेरी कामयाब ज़िन्दगी का रूख़ मेरी ओर मोड़ा,
कोई देता नहीं कुर्बानी इतनी,
सिर्फ माँ बाप ही देते है सब छोड़ा,
ना जाने कैसे गुज़रेगी ज़िन्दगी हमारी,
जब मैं जाऊंगी उनका आँगना छोड़ा..
