न जाने कैसे खेल, खेल गया मेरे साथ,
मेरा हो कर भी नही लगता था मेरे पास,
कभी जो कहता था,
मैं सिर्फ चाहता हूँ तुम्हारा साथ,
मेरी मुश्किल परेशानीयों मे,
बस थाम लेना मेरा हाँथ,
एक दिन खुल गया उसका ये राज़,
मुझे छोड़, चला गया किसी ओर के पास,
तब मुझे समझ आई ये बात,
कोई उम्र भर नहीं निभाता किसी का साथ..!