मैं रोऊं और आंसू बहाऊं, किस तरह मनाऊं तुझे,
तेरी राहों में पलकें बिछाऊं, किस तरह मनाऊं तुझे,
न तू मुझको मेसेज करती, न मैं तुझको मेसेज करता,
क्या मैं तुझको कॉल लगाऊं, किस तरह मनाऊं तुझे,
तुझको हसी भी पसंद मेरी, पसंद मेरी आवाज़ भी है,
क्या मैं तुझको हस के दिखाऊं, किस तरह मनाऊं तुझे,
मेरी आंखो का नुर भी है, करीब होकर तू दूर भी है,
कैसे तुझसे मिलने आऊं, किस तरह मनाऊं तुझे,
मुंह बनाए बैठा हुआ है, "जामी" मुझसे रूठा हुआ है,
करीब आकर गले लगाऊं, किस तरह मनाऊं तुझे..!