काम कुछ दिल से भी लिया जाए,
चलो, कुछ इश्क़ भी किया जाए !
मंजिलों का जब रूख़ किया जाए,
ख़ुद को अपना हमसफ़र लिया जाए !
उम्र कट गई है किताबों व रिसालों में,
अब हसीं चेहरों को पढ़ लिया जाए !
गर ज़िन्दग़ी अफसाना निगारी है तो,
इश्क़ को ही मज़मून चुन लिया जाए..!