ख़्वाब देखा करो मुसलसल,
इसमें लुत्फ़ ए ज़िन्दगानी है,
सच से पहले ख़्वाब देखना,
ये तो जीस्त की निशानी है.!
Khwab
By : Dr. Adil Husain
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Zindagi Shayari
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9th Aug 2020