सुबह शाम दिल बस यही ख्वाहिश करता है,
किसी भी तरह खुद को पाने की साज़िश करता है,
कोई ऐसा दिल ले आओ, जो कभी टूटा ना हो,
अजीब शख़्स, अजीब फरमाइश करता है,
वो मेरे पास होकर भी किसी और का होता है,
कुछ इस तरह से वो मेरी आजमाइश करता है,
लोग उसे कहते हैं,कितना खुश रहता है ये शख़्स,
और वो गम छुपा कर, खुशियों की नुमाइश करता है..!