कभी चमेली तो कभी गुलाब हुआ करता था,
कभी चंदा तो कभी आफताब हुआ करता था,
अब वो मेरी असल ज़िंदगी में भी मायने नहीं रखता,
जो कभी मेरे ख्वाबों का इंतेखाब हुआ करता था,
अब मैं अक्सर फेल हो जाता हूं रिश्ते निभाने में,
पहले पहल मैं इस खेल में कामयाब हुआ करता था..!