कोई दूर है वो भी नज़दीकियों के साथ
कोई साथ है वो भी दूरियों के साथ,
कोई जान कर भी अनजान है,
कोई अनजान हो कर भी सब कुछ जानता है,
कोई किसीको भूलते भी नहीं भूला पाता है,
कोई सब कुछ याद हो कर भी भूला देता है,
कोई इसमें पूरा बर्बाद हो चूका है,
कोई इसमें पूरा सवर गया है,
कुछ तो बात है इस इश्क़ में मुर्शद,
किसी को पता नहीं होता कब होता है,
और किसी को हो कर भी पता नहीं है..!