इस सफ़र में बंजारे सा हूँ मैं,
ढूंढने चला जो मैं मंजिल,
तो खुद में ही लापता सा हूँ मैं!
ऐ साथी कुछ देर ही सही साथ तू चल दे मेरे,
बाकी तो मुसाफ़िर आवारा हूँ मैं!!
is safar me banjaare sa hu me
By : Hetal Rajpurohit
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Zindagi Shayari
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30th Dec 2019