लोग दिल देते हैं तो अपने हुनर से देते,
हमारे पास था ही नहीं हम किधर से देते,
बरसों बीत जाते तुम्हे उभरते उभरते,
एक गहरा अगर ज़ख़्म तुम्हें भीतर से देते,
खैर मनाओ की शतरंज छोड़ दी वर्ना,
हम देते तुम्हें मात तो बड़े अंतर से देते,
मेरे बाबा ने मुझे नरम दिली सिखाई है वर्ना,
हम भी इंटों का जवाब तुम्हें पत्थर से देते,
हम होते अगर अब भी पुराने दौर में "जामी",
लिख कर तुम्हें प्यार के ख़त कबूतर से देते..!