मैं ये तो नहीं कहता हमराही बन जाओ,
हाँ साथ चलकर मेरी परछाई बन जाओ।
घर करलो मेरे दिल में अपना,
राज ऐसा के तानाशाही बन जाओ।
जरूरी नहीं तुम भी मोहब्बत करो मुझसे,
बस मेरे इश्क की गवाही बन जाओ।
रिक्त है पद मेरे प्यार की सरहद पर,
तुम वहाँ निपुण सिपाही बन जाओ।
मन गर तुम्हारा उलझन में है,
मेरी ख़ातिर उसे धराशायी कर जाओ।