मैं कोई काम एक सा नहीं करता हूं,
और ये भी के तमाशा नहीं करता हूं,
रो लेता हूं जब कोई बात बुरी लगती है,
कभी किसी पर गुस्सा नहीं करता हूं,
कर लेता हूं याद कभी कभी उसको,
हां मगर हमेशा नहीं करता हूं,
रख लेता हूं राज़ दिल में पोशीदा,
और उनका खुलासा नहीं करता हूं,
ज़िन्दगी ने जो सबक दिए हैं "जामी",
अब किसी पर भरोसा नहीं करता हूं..!