किधर काटनी थी ज़िन्दगी किधर काट रहा है,
लेकिन सभी ये कहते हैं सुपर काट रहा है,
आता था जिससे खौफ वहीं काम कर के वो,
आता था जिससे खौफ वहीं काम कर के वो,
दिल में पुराना बैठा हुआ डर काट रहा है,
बीते हुए दिनों का एक ये भी है मोजिज़ा,
बीते हुए दिनों का एक ये भी है मोजिज़ा,
उंगली उठा के उंगली से क़मर काट रहा है,
एक ये भी अलामत है बर्बाद ज़िन्दगी की,
एक ये भी अलामत है बर्बाद ज़िन्दगी की,
खेले, पले, बड़े जहां वही घर काट रहा है,
होकर के मेरा और मुझ से ही दूरियां,
होकर के मेरा और मुझ से ही दूरियां,
यानी परिंदा खुद के ही पर काट रहा है,
मुझपे लुटाए जान ऐसे शख़्स की तलाश में,
मुझपे लुटाए जान ऐसे शख़्स की तलाश में,
"जामी" हज़ार मीलों का सफ़र काट रहा है..!