मत पूछ ऐ मुसाफिर, ये आँखें क्यों नम है
मैं आज भी जी रहा हूँ, इतना क्या कम है?
तू बिछड़कर खुश है, इस बात की खुशी है
तू इतनी जल्दी बदल गया, इस बात का गम है।
Gham
By : Shivam Agrahari
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Dard Shayari
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2nd Aug 2020