गाँव से निकलते ही कोई निर्दयी निठुर नहीं हो जाता
कुछ दिन गुजारने पड़ते हैं शहरों में ।
Gaon
By : Satish Nautiyal
Paigaam Shayari
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14th Jan 2020
गाँव से निकलते ही कोई निर्दयी निठुर नहीं हो जाता
कुछ दिन गुजारने पड़ते हैं शहरों में ।
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