चलो मान लिया तुम्हारी भी कुछ मज़बूरी रही होगी,
और तुम्हे अपना अलग रास्ता चुनना पड़ा,
पर आखरी सांस तक इश्क़ निभाने का,
शायद एक वादा तुम्हारा ही था,
चलो मान लिया तुम्हारी भी कुछ मज़बूरी रही होगी,
और तुम्हे किसी और का हात थामना पड़ा,
पर मेरी क़ब्र पर एक आखरी गुलाब रखने का,
शायद एक वादा तुम्हारा ही था..!