इस दुनिया में रोज तमाशे होते हैं,
पर बस्ती में कुछ भूखे भी होते हैं।
चूल्हे पर जो बर्तन है वो खाली है,
माँ का चेहरा देख के बच्चे रोते हैं।
भरे हुए पेटों को कुछ अहसास नहीं,
अब भी गली में बच्चे भूखे रोते हैं।
इस दुनिया में रोज तमाशे होते हैं,
पर बस्ती में कुछ भूखे भी होते हैं।
चूल्हे पर जो बर्तन है वो खाली है,
माँ का चेहरा देख के बच्चे रोते हैं।
भरे हुए पेटों को कुछ अहसास नहीं,
अब भी गली में बच्चे भूखे रोते हैं।
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