दो घड़ी मुझसे मिलने आओ ना ।
दो कुर्सी दो चाय दो बातें सुनाओ ना ॥
दो कदम साथ चलो वह पुरानी नज़्म गाओ ना ।
दो दिन दो पहर कदम से कदम चलाओ ना ॥
दो लफ़्ज़ मैं कहूँ तुम हाँ में हाँ मिलाओ ना ।
दो शब्द मैं गीत के गाऊँ तुम भी साथ में गुनगुनाओ ना ॥
दो बातें जो लोगों ने कही मुझे भी तुम बताओ ना ।
दो पल मुझको तुम अपने पास बुलाओ ना ॥
दो वादे फिर से करो दो दफे और बहलाओ ना ।
दो अल्फाज़ तीखे कहकर फिर से मुझे सताओ ना ॥