उसने रोका नहीं वर्ना मैं जाने वाला तो ना था,
मैं किसी शख्स से दिल लगाने वाला तो ना था,
बस इतना समझ, तेरी मोहब्बत का भरम रखा मैने,
मिन्नतें कर के तुझे मानने वाला तो ना था,
वो तो बस अलमारी पर एक बोझ बढ़ रहा था वर्ना,
तेरे लिखे हुए खतों को जलाने वाला तो ना था,
एक चेहरा दिखाई देता है बस इसलिए "जामी"
वर्ना दुआओं में कभी हाथ उठाने वाला तो ना था।