ऐसा तरक्की हुई है दुनिया में,
कि सबको मुंह छुपाना पड़ता है,
महफ़िल में जाना उसने तर्क़ किया,
क्योंकि महफ़िल में शर्माना पड़ता है,
ये दिल मेरा रोज मचलने लगता है,
हर दिन दिल को समझाना पड़ता है,
हों कितने ही ज़ख्म सीने में मगर,
नज़र मिले तो मुस्कराना पड़ता है..!