इस हँसी के पीछे कोई तो दर्द की कहानी है,
सुनी है या अनसुनी है, शायद थोड़ी सी पुरानी है,
तुम्हें कहना है कुछ लेकिन कह नहीं पाओगे,
अरे ! भूल गये क्या? ये बचपन नहीं, जवानी है,
तुम्हें सीखना होगा जीना एक ऐसे रेगिस्तान में,
जहाँ सागर सी है रेत, और दो बूँद पानी है,
क्यों उदास होते हो तुम इस आशिकी में,
देखा है इसका असर, आज भी दुनिया इसमें दीवानी है..!