तुम्हारी की हुई अनबन से मोहब्बत है,
पांव में पायल की छन छन से मोहब्बत है,
काला रंग पसंदीदा और फिर काला तिल,
काला रंग पसंदीदा और फिर काला तिल,
बस इसलिए तुम्हारी गर्दन से मोहब्बत है,
बिंदी से, झुमकों से, गजरे, आंख के काजल से,
बिंदी से, झुमकों से, गजरे, आंख के काजल से,
खन खनाते हाथों के कंगन से मोहब्बत है,
चाय से मोहब्बत की कोई उम्र नहीं है दोस्त,
चाय से मोहब्बत की कोई उम्र नहीं है दोस्त,
उबलती हुई चाय से, बचपन से मोहब्बत है,
तस्वीर तुम्हारी, दीवारें, उतार लेती हैं अक्सर,
तस्वीर तुम्हारी, दीवारें, उतार लेती हैं अक्सर,
दीवारों पर पड़ी हुई, सीलन से मोहब्बत है,
"जामी", अच्छे और बुरे, उठा पटक से भरे हुए,
"जामी", अच्छे और बुरे, उठा पटक से भरे हुए,
संग तुम्हारे बिताए हुए, जीवन से मोहब्बत है...!