हर सूखे पत्ते पे लिख दू तुम्हारा नाम,
पर नहीं करना चाहता मै तुम्हे बदनाम,
बाज़ारे इश्क़ में सबसे महँगा हुआ करते थे,
फिर तुम्हीं ने आकर पूछ लिया हमारा दाम
इन् हाथो मे चाय की प्याली हुआ करती थी,
इन् हाथो में तुमने ही थमा दिए जाम,
मेरी मोहब्बत के गवाह है, कमरे और दिवार,
बिना तुम्हे याद किये, नहीं बीते है कोई शाम,
फ़क़त मै ही मोहब्बत किये जा रहा था,
मोहब्बत में कुछ तो रहा होगा तुम्हारा काम?