Bachpan Ka Zamana

बैठे बैठे कभी ये खयाल मन में आ जाना,
याद आता है वो बचपन का बेफिक्र ज़माना,

मैदान में खेलना और घर को भूल जाना,
दोस्तों से झगड़ना पलभर में मान जाना,

बारिश में भीगने के कई बहाने बनाना,
बहते पानी में काग़ज़ की कश्ती चलाना । 

जहां दौड़ते भागते त्योहारों को मानते वो गलियां,
कुछ पैसे देकर पापा ने हमारे चेहरे पर मुस्कान लाना,

सोफ़े पर सोना सुबह ख़ुद को बिस्तर में पाना,
स्कूल न जाने के कितने ही बहाने बनाना,

पापा की डाँट पर अचानक सहम जाना,
भागकर मम्मी से फिर गले लग जाना,

दादा-दादी नाना-नानी से हमेशा प्यार पाना,
भाई बहन से दुलार तो कभी उनको चिढ़ाना,

याद है लेकिन अब नहीं आएगा वो ज़माना,
बचपन जिसमें बड़े होने का सपना सजाना..!

By : Prathmesh Tulankar

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Bachpan Shayari Views - 210 28th Jun 2023

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