तेरी यादों में होशो हवाश खोकर, रोने से,
सुकुन ए दिल मिल जाता है अक्सर, रोने से,
मेरा रुमाल मेरा तकिया छोटी मोटी चीज़ हैं,
भीग जाता है सारा का सारा बिस्तर, रोने से,
आंसू न बहाओ किसी अजनबी के वास्ते,
कि ज़ाया हो जाते हैं आंसू रात भर, रोने से,
रोता हुआ ना देख ले मेरी मां अपने बेटे को,
इसलिए कतराता हूं मै अपने घर पर, रोने से,
अपने दामन को तर कर दूं अश्कों से "जामी"
तुम जो हो जाओ मेरी रूह को मयस्सर, रोने से..!