वो जो मनाया था तुमने मुझे पहली दफ़ा,
यू किसी और को ना मनाना,
यू दूर जा कर मत बनाना,
अपनी महोब्बत का अधूरा अफसाना,
आओ कभी दिदार की तलब है मुझे
अच्छा नहीं है यू हर रोज़ इतना किसी को सताना..!
वो जो मनाया था तुमने मुझे पहली दफ़ा,
यू किसी और को ना मनाना,
यू दूर जा कर मत बनाना,
अपनी महोब्बत का अधूरा अफसाना,
आओ कभी दिदार की तलब है मुझे
अच्छा नहीं है यू हर रोज़ इतना किसी को सताना..!
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