"तेरी तस्वीर गैलरी से तो हटा दी है मैंने,
अब ये फिक्र है कि पलकों से कैसे हटे...!
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"तेरी तस्वीर गैलरी से तो हटा दी है मैंने,
अब ये फिक्र है कि पलकों से कैसे हटे...!
ना जाने आज क्यु कमी महसूस हो रही है तुम्हारी,
दिल बैठा सा जा रहा है, और बहुत याद आ रही है तुम्हारी,
काश कुछ मज़बूरीया ना होती हमारी
तो मुकम्मल होती हमारी भी कहानी।
आरज़ी है दुनिया, कुछ शौक़ ज़िंदा रख,
शायर है गर, शायरी का ज़ौक़ ज़िंदा रख,
इमां है अगर तेरा के लौट के भी जाना है,
फिर दिल में तेरे रब का खौफ़ ज़िंदा रख।।
मेरी नींद में खलल का सबब तुम तो नहीं हो,
आँखों की यूँ चमक का सबब तुम तो नहीं हो...!
Azmaish bhi usne ki, aur dooriya bhi,
Me faqat tanha raha, tanhai ke bad bhi..
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