मैंने बुलाना, उसने एक बार में आ जाना था,
न जाने कौन सा दौर, कौन सा ज़माना था,
मैं इसलिए भी जल्दी सोता हूं ख़बरें नहीं सुनता,
जैसा भी कल गुज़रा है अख़बार में आ जाना था,
गर चे बोली लगती जिस्म की खुल्लम खुल्ला,
तो इश्क़ भी सरे आम बाज़ार में आ जाना था,
तू मसीहा होता, मुझ बीमार का तो फिर सुन,
एक अजब लुत्फ़ तेरी चुमकार में आ जाना था,
"जामी" अब तक बड़ा कोई काम किया तो होता,
तुम्हारा नाम किसी दिन समाचार में आ जाना था,