कभी तो खर्च कर दिया करो खुद को मुझ पर,
ये तसल्ली तो रहे की मामूली नहीं है हम...
Mamuli nahi hain hum
By : Diksha bhatnagar
Mohabbat Shayari
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1st Jan 2022
कभी तो खर्च कर दिया करो खुद को मुझ पर,
ये तसल्ली तो रहे की मामूली नहीं है हम...
Zakham Tha dard tha aakhe bhi gili thi.
Mari Dunya jalane wali Ek machis ki tili thi...
तेरी आँखों में मेरे लिए वो प्यार दिखता है,
तुम भी मेरे ही तरह बेहाल दिखता है...
सोचा था लिख दूं तुम्हें इत्तेफाक पे,
तुमसा हसीन लफ्ज़ ना मिला लिखने को...
खोने को कुछ रहा नहीं, पाने की उम्मीद भी कम है,
ओटीटी जब से हैं आईं, रात को अब नींद भी कम है..!
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